

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने अपने इतिहास में पहली बार किसी भारतीय को अपने निदेशक मंडल में जगह दी है. कंपनी के बोर्ड में एक भारतीय नियुक्ति की गई है, जिनके कंधों पर नया प्लांट स्थापित करने की जिम्मेदारी होगी. कंपनी अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए हरियाणा में एक और यूनिट लगाने जा रही है. इसके लिए पैसों की मंजूरी भी मिल चुकी है और जल्द ही यूनिट के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा.
मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने बुधवार को कहा कि मारुति सुजुकी के निदेशक मंडल ने कंपनी के इतिहास में पहली बार एक भारतीय कर्मचारी को बोर्ड में नियुक्त करने की मंजूरी दी है. कंपनी के बोर्ड ने सुनील कक्कड़ को निदेशक कॉर्पोरेट योजना के रूप में नियुक्त किया है. गौरतलब है कि चेयरमैन आरसी भार्गव और पूर्व एमडी जगदीश खट्टर को सरकार ने बोर्ड में नियुक्त किया था न कि कंपनी की ओर से यह नियुक्ति हुई थी. नए उत्पादन यूनिट का फायदा ग्राहकों को भी होगा, क्योंकि उन्हें अब अपनी मनपसंद कार के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
कंपनी के लिए मील का पत्थर
आरसी भार्गव ने इस कदम को कंपनी के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया और कहा कि इससे सुजुकी जापान और मारुति सुजुकी के बीच उच्चतम स्तर पर बेहतर समन्वय सुनिश्चित होगा. इसके अलावा, मारुति सुजुकी इंडिया ने घोषणा की कि उसके बोर्ड ने हरियाणा के खरखौदा में तीसरा प्लांट स्थापित करने के लिए 7,410 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी है, जिसकी क्षमता प्रति वर्ष 2.5 लाख वाहनों तक होगी
बढ़ जाएगी उत्पादन क्षमता
मारुति सुजुकी के नए प्लांट से खरखौदा में क्षमता सालाना 7.5 लाख यूनिट तक पहुंचने की संभावना है और प्रस्तावित क्षमता साल 2029 तक जोड़ी जाएगी. कंपनी ने बताया कि इस निवेश को आंतरिक संसाधनों के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा. तीसरे संयंत्र की स्थापना का कारण बाजार की मांग में वृद्धि है, जिसमें निर्यात भी शामिल है. मारुति देश की सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनी है, जिसका निर्यात भी सबसे आगे है.