

ओला-उबर जैसी ऑनलाइन कैब बुकिंग प्लेटफॉर्म के साथ अपनी कमाई बांटने वाले ड्राइवर को जल्द ही इससे छुटकारा मिल जाएगा. मोदी सरकार ने ऐसे कैब ड्राइवरों के हित के लिए बड़ा प्लान बनाया है. केंद्रीय सहकारी मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि जल्द ही ओला-उबर की तर्ज पर सहकारी टैक्सी शुरू की जाएगी. इस प्लेटफॉर्म से जुड़ने वाले कैब ड्राइवरों को अपना मुनाफा किसी कंपनी या धन्नासेठ के साथ नहीं बांटना पड़ेगा, बल्कि पूरा मुनाफा उनका ही होगा.
मोदी सरकार ने लोकसभा ने त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 पारित किया. इसके तहत कई तरह के सहकारी कोर्स शुरू किए जाएंगे और सहकारी समितियों के लिए काबिल और प्रशिक्षित लोगों को पैदा किया जा सकेगा. सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह विश्वविद्यालय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, स्वरोजगार और छोटे उद्यमिता को विकसित करेगा, सामाजिक समावेश को बढ़ाएगा और नवाचार और अनुसंधान में कई नए मानक स्थापित करेगा. विश्वविद्यालय में सहकारी क्षेत्र में सालाना 8 लाख से अधिक योग्य और प्रशिक्षित नौकरी चाहने वालों को तैयार करने की क्षमता होगी. यहां डिप्लोमा से लेकर पीएचडी तक के कोर्स संचालित किए जाएंगे.
कैब का सहकारी प्लेटफॉर्म
केंद्रीय सहकारी मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में ओला-उबर की तर्ज पर जल्द ही कैब का सहकारी टैक्स प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा. इस ऐप पर कैब चालक खुद को रजिस्टर करके बिलकुल मौजूदा प्लेटफॉर्म की तरह ही सवारियों की बुकिंग ले सकेंगे. इसमें अंतर ये होगा कि अभी ओला-उबर से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा कंपनियों को भी देना पड़ता है, जबकि ड्राइवर को कम हिस्सा मिलता है. लेकिन, नया सहकारी प्लेटफॉर्म आने के बाद पूरा मुनाफा ड्राइवर का ही होगा. इस प्लेटफॉर्म पर दोपहिया वाहनों का भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा.
सहकारी बीमा कंपनी
सरकार ने इस विधेयक में एक नई सरकारी बीमा कंपनी स्थापित करने का भी प्रस्ताव दिया है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी बन जाएगी और इसका मुनाफा भी बीमा कराने वालों को ही ज्यादातर बांटा जाएगा. इस तरह सरकार ने सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 2 बड़े कदम उठाने का फैसला किया है, जो सीधे तौर पर आम आदमी से जुड़े होंगे, क्योंकि सहकारी बीमा कंपनी का फायदा भी ज्यादातर आम आदमी को दिया जाएगा.