

विहिप और अन्य संगठनों द्वारा शंभाजी नगर से औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग के बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रवक्ता सुनील अंबेकर ने बुधवार को कहा कि मुगल सम्राट आज के समय में ‘अप्रासंगिक’ हैं और किसी भी तरह की हिंसा की निंदा की जानी चाहिए. अंबेकर ने कहा कि ‘औरंगजेब आज के समय में अप्रासंगिक हैं. किसी भी प्रकार की हिंसा को प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए.’ आरएसएस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब नागपुर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हिंसा भड़कने के बाद तनाव बढ़ गया है और इससे जुड़े विभिन्न अफवाहें फैल रही हैं.
आरएसएस नेता ने दोहराया कि भारत को एक रचनात्मक नजरिये के साथ आगे बढ़ना चाहिए. बजाय इसके कि हम उन ऐतिहासिक लोगों पर ध्यान दें जिनकी नीतियां और काम एक अलग युग से जुड़े हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि सकारात्मक राष्ट्र-निर्माण और सामाजिक एकता पर ध्यान केंद्रित करना, पुराने शासकों पर बहस को पुनर्जीवित करने से अधिक महत्वपूर्ण है. इतिहास को जागरूकता और सीखने के लिए पढ़ा जाना चाहिए, न कि संघर्ष पैदा करने के लिए. आरएसएस नेता ने आगे कहा कि संगठन किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करता और ऐतिहासिक और सामाजिक मुद्दों पर शांतिपूर्ण संवाद को प्रोत्साहित करता है.
ये टिप्पणियां हाल की घटनाओं के जवाब में की गईं, जहां औरंगजेब का नाम राजनीतिक और सामाजिक बहसों में लाया गया, जिससे कभी-कभी टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई. आरएसएस ने इतिहास के महत्व को स्वीकार करते हुए लोगों से आग्रह किया कि वे समकालीन विवादों के लिए ऐतिहासिक व्यक्तियों का उपयोग न करें. संघ ने लगातार सामाजिक सद्भाव की वकालत की है और किसी भी गतिविधि से खुद को दूर रखा है जो नफरत या हिंसा को बढ़ावा देती है.
वहीं पुलिस ने बताया कि पचास लोगों को हिरासत में लिया गया है और नागपुर के दस पुलिस जिला क्षेत्रों में लगातार दूसरे दिन कर्फ्यू लागू है, जो 17 मार्च को हुई हिंसक झड़पों के बाद से जारी है. एएनआई से बात करते हुए, डीसीपी राहुल माकनिकर ने कहा कि ‘स्थिति नियंत्रण में है. जांच चल रही है. हमने 10 टीमें बनाई हैं. अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है.’