

अमेरिका में बसे 14 साल के एक लड़के सिद्धार्थ नंद्याला की इन दिनों पूरे आंध्र प्रदेश सहित दुनियाभर में चर्चा है. नंद्याला ने एक एआई-पावर्ड ऐप ‘CircadiaV’ विकसित किया है, जो महज 7 सेकंड में दिल की बीमारियों का पता लगा सकता है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण भी इस लड़के की प्रतिभा के कायल हैं और उन्होंने सिद्धार्थ से मिलकर उसके इस ऐप की तारीफ की है.
सिद्धार्थ के बनाए इस ऐप का गुंटूर गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल (GGH) में टेस्ट किया गया, जहां यह 96% से ज्यादा सटीक रिजल्ट देता पाया गया. इससे प्रभावित होकर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सिद्धार्थ को अपने दफ्तर बुलाकर उनसे मुलाकात की और इस नवाचार को स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए क्रांतिकारी बताया. उन्होंने तेलुगु प्रतिभा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के महत्व पर जोर दिया और सिद्धार्थ को उनके आगे के शोध कार्यों के लिए हर संभव सरकारी सहायता देने का आश्वासन दिया.
पवन कल्याण ने भी की तारीफ
आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी सिद्धार्थ की इस असाधारण उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी और कहा कि इतनी छोटी उम्र में यह उपलब्धि गौरव का विषय है. इस दौरान सिद्धार्थ के पिता महेश नंद्याला और स्वास्थ्य मंत्री सत्य कुमार यादव भी उनके साथ मौजूद रहे.
कौन हैं सिद्धार्थ नंद्याला?
अनंतपुर से मूल रूप से ताल्लुक रखने वाले सिद्धार्थ का परिवार 2010 में अमेरिका के टेक्सास स्थित फ्रिस्को शहर में बस गया था. हालांकि, उनकी उपलब्धियां भारत में भी सुर्खियों में रही हैं, खास तौर से एआई-ड्रिवन हेल्थकेयर सॉल्यूशंस के क्षेत्र में. सिद्धार्थ महज छात्र नहीं, बल्कि टेक एंटरप्रेन्योर भी हैं. वह ‘Circadian AI’ कंपनी के संस्थापक और सीईओ हैं, जो एआई इनोवेशन पर काम कर रही है. इसके अलावा, उन्होंने ‘STEM-IT TECH’ नामक पहल भी शुरू की है, जो STEM शिक्षा को बढ़ावा देने पर केंद्रित है.
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सिद्धार्थ को दुनिया के सबसे कम उम्र के एआई-सर्टिफाइड प्रोफेशनल के रूप में मान्यता दी, जिनके पास Oracle और ARM जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के प्रमाणपत्र हैं. नायडू ने कहा कि सिद्धार्थ का CircadiaV ऐप स्मार्टफोन-बेस्ड हार्ट साउंड रिकॉर्डिंग के जरिए हृदय रोगों की प्रारंभिक पहचान को आसान बना रहा है. इस तकनीक का अमेरिका में 15,000 से अधिक मरीजों और भारत में 700 मरीजों पर परीक्षण किया जा चुका है, जिसमें 96% से अधिक सटीकता देखी गई है.
मुख्यमंत्री ने सिद्धार्थ के टैलेंट और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि उनका यह इनोवेशन समाज के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा. उन्होंने सिद्धार्थ को आगे के शोध कार्यों में सरकार की ओर से हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया.